मोदी सरकार द्वार लागू किए गए अग्निपथ भर्ती मॉडल के सम्बन्ध में कहा जा रहा है कि इस योजना में किसी भी प्रकार का बदलाव करने की कोई भी सम्भावना नहीं हैl सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यदि इस योजना में किसी भी प्रकार का बदलाव कर दिया गया तो इसे लागू किए जाने का मकसद कभी पूरा नहीं होगाl हिंदुस्तान टाइम्स अखबार द्वारा एक अधिकारी के माध्यम से बताया जा रहा है कि यदि अग्निपथ की योजना में किसी भी प्रकार का बदलाव हुआ तो इसके कारण देश के सुरक्षा हितों को खतरा पहुंचेगाl
अग्निपथ योजना एक विवादित स्कीम है जिसके अंतर्गत भारतीय युवाओं को केवल कुछ वर्षों के लिए ही सेना में भर्ती होने की अनुमति दी जाती हैl बता दें कि भारत में इस योजना को मोदी सरकार द्वारा दो साल पहले लागू किया गया थाl इस योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों को युवा और युद्ध के लिए तैयार करना थाl
अधिकारी द्वारा बताया गया, “अग्निपथ चीन का डटकर मुकाबला करने के लिए बनाई गई रणनीति का मूल हिस्सा हैl भारत की सेना को चीन-भारत के बीच विवादित सीमा के साथ-साथ इलाके में मौजूद बीहड़ पहाड़ों के बीच भी जमकर दुश्मन का सामना करने के लिए युवाओं की आवश्यकता हैl”
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “पैदल सेना में मौजूद सैनिकों की औसतन आयु 29 वर्ष तक है, परन्तु दुश्मन सेना का डटकर सामना करने के लिए उनकी आयु लगभग 21 वर्ष होना बहुत आवश्यक हैl अग्निपथ योजना के अंतर्गत सिर्फ 17 से 21 साल के युवाओं (पुरुष और महिला) को ही भारतीय सेना में भर्ती होने के योग्य समझा जाता हैl”
अंत में अधिकारी ने कहा, “अग्निपथ के अंतर्गत भारती हुए सैनिकों में से 25% सैनिकों को आने वाले 15 वर्षों तक नियमित रूप से सेना में बनाए रखने का प्रावधान भी किया गया हैl भारत की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि अग्निपथ योजना को जारी रखा जाएl”