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रविवार, फ़रवरी 23, 2025
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उत्तराखंड: 7 साल से बंद पड़ी सड़क, ग्रामीणों का पैदल सफर बना रोज़ का संघर्ष!

उत्तराखंड: 7 साल से बंद पड़ी सड़क, ग्रामीणों का पैदल सफर बना रोज़ का संघर्ष!

 

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बरसात के दिनों लगातार भारी वर्षा होने की वजह से कई जगहों पर मलबा आ जाता है, जिसकी वजह से सड़कें बंद हो जाती हैं। बरसात के दिनों मलबे के कारण कई दिनों तक सड़कें बंद ही रहती हैं। परन्तु  जिले की एक सड़क ऐसी भी है, जो 7 वर्ष पहले भूस्खलन और भारी मलबा आने की वजह से बंद हो गई थीl बीते 7 सालों से आज तक यह सड़क नहीं खुल पाई हैl

उत्तराखंड: 2017 में हुई थी सड़क बंद 

पिथौरागढ़ जिले के नाचनी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली देकुना-बसंतनगर सड़क को आज से कुछ साल पहले लाखों रूपए लगाकर ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाया गया था। सड़क बनने के बाद दो सलोन तक इस सड़क पर वाहनों द्वारा यातायात की सुविधा भी उठाई गईl परन्तु वर्ष 2017 में देकुना-बसंतनगर सड़क पर भूस्खलन होने और भारी मात्रा में मलबा आ जाने की वजह से यह सड़क बाधित हो गई थी। भूस्खलन होने और भारी मलबा आने के बाद आज इस सड़क को पूरे 7 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक सड़क नहीं खुल पाई है।
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आज भी ग्रामीण कर रहे सड़क खुलने का इन्तेजार 

पिछले कई सालों से गांव के लोग इस सड़क के खुलने का इन्तेजार कर रहे हैं और सड़क को खोलने के लिए गुहार भी लगा रहे हैं। परन्नतु कोई भी उनकी पुकार सुनने के लिए तैयार नहीं है। जिसके परिणाम स्वरूप आज तक यह सड़क बंद पड़ी हुई है।

 

ग्रामीणों के लिए पैदल सफर करना बना संघर्ष 

बीते 7 सैलून के सद्रक बंद होने की वजह से गांव वालों को पैदल सफर करना पद रहा है, जो कि उनके लिए एक संघर्ष बन चुका है। 7 सालों से सड़क खुलने का इंतजार करते-करते अब ग्रामीणों का धैर्य टूट चुका है। जिसके बाद सभी गांव वालों ने बीते सोमवार के दिन सड़क पर आकार जोरदार प्रदर्शन करते हुए जल्द से जल्द सड़क को खोलने की मांग उठाई हैl

 

उत्तराखंड: सड़क नहीं खुली तो डीएम कार्यालय होगा धरना 

गांव वालों का कहना है कि पिछले 7 सालों से वो सभी सड़क के खुलने की पुकार लगा रहे हैं और अब वो सड़क के खुलने का इन्तेजार करते-करते थक चुके हैं। बीते सोमवार के दिन सभी ग्रामीणों ने प्रशासन द्वारा सड़क न खोलने के  विरोध में जोरदार प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी कीl

गांव वालों ने बताया कि पिछले 7 वर्षों से सड़क बंद होने की वजह से गर्भवती महिलाओं, बीमारों को पैदल चलाकर  अस्पातल तक ले जाया जा रहा है। इतने सालों से हर दिन हमारे गांव के बच्चे अपनी जान को खतरे में डालकर इस सड़क से पढ़ने के लिए स्कूल जाते आ रहे हैं। आक्रोश में आए ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि इस सड़क को खुलवाने का कार्य जल्द ही शुरू नहीं किया गया तो हम सभी गांव वासी डीएम कार्यालय में जाकर धरना प्रदर्शन करेंगेl”

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