योगी आदित्यनाथ मुहर्रम बयान से हंगामा, कांग्रेस और मुस्लिम संगठनों का विरोध
14 जुलाई यानी रविवार के दिन लखनऊ में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक हुई थी। यह कार्यसमिति की बैठक, बैठक के अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में पूर्ण हुई। इसी कार्यसमिति के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पार्टी पर खूब जमकर वार किया। इसी दौरान योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिमों के खास पर्व मुहर्रम पर भी एक मजबूत बयान दियाl योगी आदित्यनाथ मुहर्रम बयान से पूरी कार्यसमिति और मुस्लिमों के बीच हंगामा मच गया है।
मुहर्रम पर योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त नियम
14 जुलाई रविवार के दिन लखनऊ में प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी अदियनाथ ने मुहर्रम को लेकर कहा,
“पिछले कुछ सालों का समय याद करें मुहर्रम के दिनों सड़कें खाली होती थीं और सड़कों पर सुनसान का माहौल बना होता था। परंतु वर्तमान में यह हालत है कि आज मुहर्रम मनाया जा रहा है और इसका पता भी नहीं चलता है। कुछ साल पहले ताजियों के नाम पर लोग घर तोड़ते थे और पीपल के पेड़ भी काटते थे। लोग सड़कों पर से तार हटा देते थे। वर्तमान में कहा जा रहा है, “किसी गरीब व्यक्ति की झोपड़ी मत हटाओ, सरकार अपने नियम बनाएगी। अगर जनता को त्योहार मनाना है तो नियमों के अनुसार मनाएं वरना अपने घर पर बैठ जाए।”
सीएम योगी ने कांग्रेस पर भी साधा निशाना
सीएम योगी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भाजपा ने वर्ष 2014, 2017 और 2022 में विपक्ष पार्टी पर दबाव बनाए रखा था। योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो विपक्ष पार्टी चुनाव से पहले ही हिम्मत हार गई थी, वही आज दोबारा से उछल-कूद कर रहा है।
योगी आदित्यनाथ मुहर्रम बयान: भड़क उठी कांग्रेस
योगी आदित्यनाथ मुहर्रम बयान को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी पर निशाना साध दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के इस विवादित बयान से विपक्ष पार्टियां भड़क गई हैं। कांग्रेस के नेता अजय राय ने सीएम योगी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सीएम योगी आदित्यनाथ को इस तरह की भाषा का उपयोग करना सोभा नहीं देता है। किसी समुदाय के त्योहार पर इस प्रकार प्रतिबंध लगाना और इस तरह की बातें करना गलत है। बीजेपी पार्टी के लोग हिंदू-मुस्लिम से कभी बाज नहीं आएंगे। यूपी में बीजेपी की ये हालत हिंदू-मुस्लिम के चक्कर में ही हुई है।”
संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने लगाया आरोप
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने रविवार को देर रात को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बर्क ने कहा कि यूपी सरकार ने मुहर्रम में ताजियों की ऊंचाई भी कम करने के आदेश जारी किए हैं। यूपी सरकार का यह नियम बिल्कुल गलत है। बर्क ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,“शासन द्वारा दिए गए आदेशों की कॉपी ही यूपी के पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को जनता को देनी चाहिए थी। परंतु पुलिस और जिला प्रशासन ने ऐसा बिलकुल भी नहीं किया।”
संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने आरोप लगाया है, “कुछ प्रशासनिक अफसरों और पुलिस ने मुस्लिम धर्म के लोगों से कागज पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए हैं। इस कागज पर लिखा हुआ था कि मुस्लिम धर्म के लोग अपनी मर्जी से ताजियों की ऊंचाई कम कर रहे हैं। जबकि मुस्लिम लोगों ने सरकार से मांग करी है कि पुरानी परंपरा के मुताबिक ही मुहर्रम में ताजिया जुलूस निकालना चाहिए।”
योगी आदित्यनाथ मुहर्रम बयान: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी किया विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ताजिया जुलूस की ऊंचाई को लेकर जारी किए गए आदेश का विरोध किया है। AIMPLB (ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) के सदस्य मोहम्मद कमाल फारूकी ने अपने बयान में मुहर्रम के जुलूस पर सरकार की तरफ से पाबंदी लगाने का आरोप लगाया है। फारूकी ने अपने बयान में कहा, “अगर मुहर्रम का जुलूस बंद हुआ तो हम कांवड़ यात्रा भी बंद करवा देंगे। इसके साथ-साथ गुरु नानक जयंती और रामलीला भी बंद करवा देंगे।”