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रविवार, फ़रवरी 23, 2025
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उत्तर प्रदेश थाने एआई का हैरान कर देने वाला मामला: एआई लगा रहा थानों में केस की धाराएं 

उत्तर प्रदेश थाने एआई का हैरान कर देने वाला मामला: एआई लगा रहा थानों में केस की धाराएं 

वर्तमान में टेक्नोलॉजी का प्रयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा हैl बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के इस दौर में हर जगह टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, चाहे फिर वह घर या ऑफिस की सुरक्षा हो या फिर कोई अन्य कार्य क्यों न हो? पिछल कुछ समय से यूपी के ताजनगरी के थानों में नवीन एआई टेक्नोलॉजी को लेकर एक प्रयोग किया जा रहा थाl वर्तमान में ताजनगरी थानों में बीते कुछ समय से किया जाने वाला नवीन प्रयोग सफल होता दिखाई दे रहा है। सूचना मिली है कि यूपी के कुछ थानों में मुंशी की जगह पर एआई द्वारा केस में धाराएं लगाई जा रही हैंl

केस धाराएं एआई एप

यूपी (उत्तरप्रदेश) के आगरा के थानों में आने वाले केस में थाने के मुंशी धाराएं लगाने का कार्य एआई (ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) से करवा रहे हैं। कमिश्नरेट के पश्चिमी जोन के थानों में यह नवीनतम प्रयोग पिछले एक महीने से किया जा रहा थाl आखिर 1 महीने से किया जाने वाला प्रयोग अब सफल हो ही गया है। उत्तरप्रदेश के आगरा के थानों के मुंशी का कहना है कि नई एआई टेक्नोलॉजी की सहायता से केस में धाराएं लगाना आसन हो गया है बीएनएस और भारतीय दंड संहिता तथा की नवीन धाराओं में ज्यादा सोचना भी नहीं पड़ रहा हैl

पश्चिमी जोन के डीसीपी सोनम कुमार ने अपनी टीम के साथ मिलकर एक एप बनाया है जिसे उन्होंने बीटा नाम दिया है। पिछले एक महीने से डीसीपी सोनम कुमार और उनकी टीम इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही थी। इस समय बहुत सारे  ऐसे मामले सामने आए धाराओं में मुकदमा दर्ज किये जाने को लेकर पुलिस को काफी माथापच्ची करनी पड़ी थीl इस समस्या का समाधान निकलने हेतु थानों के पुलिस ने एआई की सहायता ली। जब पुलिस द्वारा एआई से पूछा गया कि मामले के  मुताबिक केस में कौन-कौन सी धाराएं लगनी चाहिए तो ज्यादातर केसों में एआई ने सही उत्तर दियाl

डीसीपी सोनम कुमार का कहना है कि एक महीने से चल रहे इस प्रयोग के परिणाम आ गया है। यह परिणाम बिलकुल सफल हुआ हैl अब एआई का प्रयोग यूपी के अन्य थानों में भी प्रयोग किया जा सकता है। परन्तु सभी मामलों एआई का उपयोग नहीं किया जा रहा है। जिन मामलों में एआई की जरूरत समझी जा रही, केवल उनमें ही एआई की सहायता ली जा रही है। इसके आलावा एआई द्वारा किसी भी मामले में बताई गई धाराओं को थाने में रखी हुई आईपीसी व बीएनएस की किताबों से भी मिलान किया जा रहा है।
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