हिंडनबर्ग रिसर्च का नया खुलासा: जल्द ही होगा भारत में बड़ा धमाका, अडानी समूह के बाद अगला निशाना कौन?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले वर्ष अडानी के बारे में घोषणा करने के बाद भारत में एक बार फिर एक बड़ी घोषणा कर दी हैl हाल ही में हिंडनबर्ग ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “जल्द ही भारत में बड़ा धमाका होगाl” जिससे कारण हिंडनबर्ग के अगले प्रमुख लक्ष्य को लेकर काफी अटकलें बढ़ गई हैंl
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना
वर्ष 2017 में नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना की थी। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च को विस्तृत जांच प्राप्त करने के बाद प्रमुख निगमों को लक्षित करने का ट्रैक रिकॉर्ड हासिल है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले वर्ष भारत के अडानी समूह पर बड़े दावे और घोषणाएं करने के लिए काफी प्रचलित हैं। एक बार फिर से हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत से संबंधित एक बड़े खुलासे की घोषणा कर दी है।
हिंडनबर्ग की बड़ी घोषणा
दरअसल, हिंडनबर्ग ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए घोषणा की है, “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होगा।” हिंडनबर्ग द्वारा किए गए इस बड़े खुलासे को लेकर भारत में व्यापक अटकलें उत्पन्न हो गए हैं, सभी लोग यह जानना चाहते हैं कि हिंडनबर्ग का अगला लक्ष्य आखिर कौन सी कंपनी हो सकती है।
हिंडनबर्ग का अडानी पर आरोप
बीते वर्ष 2023 में जनवरी माह में हिंडेनबर्ग रिसर्च ने एक आपत्तिजनक रिपोर्ट की घोषणा की थीl इस रिपोर्ट में हिंडेनबर्ग ने अडानी समूह पर “कॉर्पोरेट के इतिहास में सबसे बड़ी धोखा-धड़ी” करने की पूरी योजना बनाने का आरोप लगाया थाl
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सेबी का डाव
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सम्बन्ध में सेबी ने दावा करते हुए कहा, “हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के सम्बन्ध में रिपोर्ट जारी करने से पहले, उसके सार्वजनिक प्रकाशन से करीब दो महीने पहले उसकी अग्रिम प्रति को किंग्डन के साथ भी शेयर किया थाl जिसके माध्यम से रणनीतिक व्यापार के जरिए उचित लाभ प्राप्त किया जा सकेl”
हिंडेनबर्ग का जवाब
हिंडेनबर्ग ने सेबी के दावे का जवाब देते हुए बताया, “सेबी ने उनके सम्बन्ध में काफी बड़ा दावा किया और उन पर भारत के नियमों को तोड़ने का आरोप भी लगाया, जिसे लेकर उन्होंने एक नोटिस भी जारी किया थाl हालांकि उनके इस नोटिस को फर्म ने “बकवास” बताया और खारिज भी कर दिया।
कॉर्पोरेट दिग्गजों पर हिंडनबर्ग का वार
हिंडेनबर्ग ने एक बड़ा तर्क देते हुए कहा कि उसके द्वारा जारी किए गए नोटिस का उद्देश्य भारत के शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को दिखाने वाले लोगों को चुप करवाने और डराने के “पूर्व-निर्धारित उद्देश्य” को पूरा करना था। बता दें कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में पहली बार स्पष्ट रूप से कोटक बैंक का उल्लेख किया था, जिसके कारण इस विवाद में एक और कड़ी जुड़ गई थीl