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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2024: तिथि, थीम, इतिहास और इसका महत्व

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2024: तिथि, थीम, इतिहास और इसका महत्व

 

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2024: 7 अगस्त बुधवार को यानी आज भारत में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा हैl यह दिवस देश की सम्पूर्ण हथकरघा विरासत को सम्मान प्रदान करता है। वर्ष 2024 में पूरा देश 10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मानाने जा रहा हैl तो चलिए इस ख़ास मौके पर इस ख़ास दिन के महत्व, इतिहास और इस बार की थीम के बारे में जानते हैंl

 

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2024 की तिथि और महत्व

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को भारत में प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त के दिन बड़े ही हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2015 में इस दिवस का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी ने किया थाl इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य हथकरघा बुनकरों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना था।

इस दिवस में हथकरघा बुनकरों के अनोखे कौशल तथा उनके शिल्प कौशल के सम्बन्ध में धूम-धाम से समारोह मनाया जाता हैl इस दिवस का मुख्य उद्देश्य हथकरघा उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर उच्च स्थान पर पहुंचाना है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का दिन भारतीय बुनकरों को अपनी अनूठी हथकरघा विरासत की हिफाजत करने और उसे बढ़ावा देने हेतु हमारे देश की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

 

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2024: तिथि, थीम, इतिहास और इसका महत्व

 

2024 की थीम

इस वर्ष 2024 में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस बुधवार के दिन मनाया जा रहा है। अभी 2024 में इस दिवस की थीम आधिकारिक घोषणा नहीं की गई हैl बता दें कि पिछले वर्ष 2023 में इस ख़ास दिन की थीम “सतत फैशन के लिए हथकरघा” को चुना गया थीl इस थीम के माध्यम से मशीनों से बनने वाले कपड़ों के हमारे पर्यावरण पर पड़ रहे अनुकूल और टिकाऊ प्रभाव के बारे में बताया गया और हथकरघा बुनाई की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश भी डाला गया।”

 

इतिहास

भारत में मनाये जाने वाले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का स्वदेशी आंदोलन से काफी पुराना सम्बन्ध हैl इसकी शुरुआत भारतीयों के द्वारा ब्रिटिशों शासन से किए जा रहे स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान 7 अगस्त 1905 में हुई थीl

 

बंगाल विभाजन का जवाब था यह दिवस 

भारत के लोगों ने इस दिवस की शुरुआत ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल का विभाजन किए जाने के निर्णय के उत्तर के रूप में की थीl इस प्रकार हथकरघा दिवस ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध करने हेतु भारतीयों का सबसे बड़ा शक्तिशाली प्रतीक बन सामने आयाl इस दिवस ने स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाया और भारतीय शिल्प को बड़े पैमाने पर बढ़ावा भी दियाl

 

 

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क्या है इस दिवस का उद्देश्य 

ब्रिटिश सरकार के खिलाफ चलाए गए इस दिवस का उद्देश्य ब्रिटिश वस्तुओं पर भारीयों की निर्भरता को पूर्ण रूप से खत्म करना और अपने देश के उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करके आत्मनिर्भर बनना तथा स्वदेशी उद्योगों को खत्म करने वाले ब्रिटिश सरकार के आयातों का सख्त विरोध करना थाl इस तरह-तरह गुजरते समय के साथ और ब्रिटिश सरकार से लड़ाई के साथ हथकरघा दिवस भारत देश की स्वतंत्रता के अभियान के साथ आंतरिक रूप से मजबूती से जुड़ गया।

 

भारत की आजादी के बाद आधुनिक दौर में 7 अगस्त, 2015 को भारत में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाए जाने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थीl पीएम मोदी द्वारा 7 अगस्त का दिन स्वदेशी आंदोलन से जुड़ी हुई यादों की वजह से चुना गया थाl

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर सुबह लगभग 10 बजे के समय एक्स पर एक पोस्ट करते हुए सभी को इस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैंl उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, “राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर शुभकामनाएँ! मुझे पूरे भारत में मौजूद हथकरघा की कभी न खत्म होने वाली परंपरा और समृद्ध विरासत पर बहुत गर्व महसूस हो रहा हैl मैं हमारे देश के हथकरघा कारीगरों द्वारा किए जाने वाले कठिन और कामयाब प्रयासों की सराहना करता हूँ और इसी के साथ हम ‘वोकल फॉर लोकल’ बनने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर इस साल दोहराने वाले हैं।”

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