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रविवार, फ़रवरी 23, 2025
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कोलकाता रेप-मर्डर केस: ममता बनर्जी के PM मोदी को लिखे दुसरे लेटर पर केंद्र का कड़ा जवाब

कोलकाता रेप-मर्डर केस: ममता बनर्जी के PM मोदी को लिखे दुसरे लेटर पर केंद्र का कड़ा जवाब

 

कोलकाता रेप-मर्डर केस: कोलकाता रेप-मर्डर केस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पीएम मोदी को लगातार भेजे गए दुसरे पात्र का जवाब आ गया हैl पत्र के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, “पश्चिम बंगाल में कुल 11 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट इस समय संचालित नहीं हैंl जैसा कि आपको पता है कि फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की अदालतें गंभीर रूप से हुए बलात्कार और पोक्सो जैसे मामलों में न्याय प्रदान करने का कार्य करती हैंl”

 

ममता बनर्जी पर केंद्र का पलटवार 

पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठियों का केंद्र ने बड़ा ही कड़ा जवाब दिया हैl महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी द्वारा पीएम मोदी के लिए लिखी गई दोनों चिट्ठियों पर जोरदार पलटवार करते हुए, उनके जवाब में एक पत्र भेजा हैl

 

कोलकाता रेप-मर्डर केस: ममता बनर्जी के PM मोदी को लिखे दुसरे लेटर पर केंद्र का कड़ा जवाब

 

इस पत्र में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, “पश्चिम बंगाल में स्थित 11 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट संचालित नहीं हैंl जबकि फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की अदालतें गंभीर रूप से हुए बलात्कार और पोक्सो जैसे मामलों के सम्बन्ध में न्याय देने के लिए भी कार्य करती हैंl

 

 

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पत्र में केंद्रीय मंत्री का जवाब 

  1. केन्द्रीय मंत्री ने पात्र की शुरुआत में लिखा, “यह पत्र पश्चिम बंगाल राज्य में स्पेशल पोक्सो कोर्ट FTSC और (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) की वर्तमान स्थिति के विषय में आपके द्वारा लिखे गए पत्र में बताई गई जानकारी को ठीक करने के उद्देश्य से लिखा जा रहा हैl”
  2. कलकत्ता के हाई कोर्ट से मिली सूचना के अनुसार पश्चिम बंगाल ने कुल 88 FTSC (फास्ट ट्रैक कोर्ट) की स्थापना की हैl  बता दें कि पश्चिम बंगाल द्वारा स्थापित किए गए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत कवर किए जाने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) के सामान नहीं हैंl यही बात मैंने अपने पिछले (25-08-2024) पत्र में भी बताई थीl
  3. किसी भी राज्य में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की फंडिंग और स्थापना राज्य सरकारों द्वारा संबंधित हाई कोर्ट के परामर्श से ही की जाती है, जिससे भिन्न-भिन्न तरह के केसों को जल्द से जल्द हल किया जा सकेl उदाहरण के लिए बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों, महिलाओं, एचआईवी और एड्स या किसी अन्य घातक बीमारियों से जूंझ रहे पीड़ितों से जुड़े हुए गंभीर मामलों से निपटने के लिएl
  4. हमें पता चला है कि पश्चिम बंगाल के फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) में कुछ महीने पहले 30 जून 2024 तक कुल मिलाकर 81,141 मामलों को निलंबित कर दिया गया हैl जबकि, किसी भी राज्य का फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) मुख्य रूप से पोक्सो और बलात्कार जैसे अधिनियम के मामलों को सुलझाने के लिए जाने जाते हैंl
  5. पश्चिम बंगाल में बलात्कार और पोक्सो से जुड़े करीब 48,600 केस लंबित किए जाने के पश्चात भी राज्य सरकार ने बचे हुए 11 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट को संचालित नहीं कियाl
  6. बता दें कि यह राज्य सरकार की आवश्यक के अनुसार स्पेशल पोक्सो कोर्ट या रेप और पोक्सो दोनों तरह के केसों को सुलझाने वाले जॉइंट FTSC (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) हो सकते हैंl इस विषय में आपके द्वारा लिखे गए पत्र में बताई गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से बिलकुल असत्य हैl जिसके माध्यम से ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे राज्य सरकार ने FTSC को संचालित करने में की गई देरी को छुपाने हेतु यह कदम उठाया होl
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