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कारगिल विजय दिवस विशेष: कर्नल बलवान सिंह की कहानी – “बदला हमारा मकसद था, गोली मुझे भी लगी”

कारगिल विजय दिवस विशेष: कर्नल बलवान सिंह की कहानी – “बदला हमारा मकसद था, गोली मुझे भी लगी”

 

1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल के युद्ध के वीर जवान कर्नल बलवान सिंह ने कारगिल युद्ध से जुड़े अपने कुछ रोमांचक किस्सों को शेयर किया हैl कर्नल बलवान सिंह ने बताया कि 24 दिन तक लगातार लड़ी गई तोलोलिंग की लड़ाई में जीत हासिल करने के बाद भारत के लिए कारगिल का युद्ध बहुत महत्वपूर्ण हो गया थाl

 

26 july 2024: कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ

हमारे भारत देश में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई के दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता हैl 26 जुलाई का दिन भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक ख़ास महत्त्व रखता है। 26 जुलाई 1999 के दिन कारगिल की विकराल पहाड़ियों पर भारतीय सेना की बहादुरी का रूप पूरी दुनिया ने देखाl

26 जुलाई, वर्ष 2024 में कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूर्ण होने के विशेष अवसर को पूरा भारत देश रजय जयंती के रूप में मना रहा है। कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के विशेष अवसर पर कारगिल युद्ध में प्रतिभाग करने वाले “कर्नल बलवान सिंह” ने युद्ध से सम्बंधित रोमांचक बातें शेयर की हैंl यह भी बता दें कि कर्नल बलवान सिंह को भारत सरकार द्वारा महावीर चक्र से सम्मानित भी किया जा चुका है।

 

ताजा हुई कारगिल लड़ाई की याद

भारत के वीर जवान कर्नल बलवान सिंह ने बताया कि सेना को कुछ आतंकवादियों के द्रास की चोटियों पर सक्रिय होने सूचना मिली थीl तभी सेना को उन्हें चोटी से भगाने का आदेश दिया गया था। ये मुजाहिद्दीन लद्दाख की टाइगर हिल और तोलोलिंग की चोटियों पर सक्रिय थे। यह सारी घटना वर्ष 1999 की हैl

 

कारगिल विजय दिवस विशेष: कर्नल बलवान सिंह की कहानी - "बदला हमारा मकसद था, गोली मुझे भी लगी"

 

पहली लड़ाई तोलोलिंग में हुई 

इसके बाद 1999 में 15 मई को भारतीय सेना ने एक्शन लेना शुरू किया थाl कर्नल बलवान सिंह ने कहा, “मुझे इंडियन आर्मी में सर्विस करते हुए केवल 3 महीने का समय ही हुआ थाl कर्नल बलवान सिंह ने यह भी बताया कि जब हमारी टीम द्रास पर पहुंची तो वहां नेशनल हाईवे पर मुजाहिद्दीन की शेलिंग हो रही थीl इसके बाद लड़ाई की तैयारी करते हुए हमने मतैन में कंपनी और टीम का हेडक्वार्टर स्थापित कर दियाl कारगिल युद्ध में हमारी पहली लगाई तोलोलिंग में हुई, जो कि लगातार 24 दिन तक चलती रहीl

 

तोलोलिंग की लड़ाई में इतने जवान हुए थे शहीद?

कर्नल बलवान सिंह ने बताया कि 24 दिन तक लगातार लड़ाई करने के बाद भारत ने तोलोलिंग पर जीत हासिल कर लीl लेकिन इस जीत के बाद भारतीय सेना को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ाl तोलोलिंग की लड़ाई में भारत के 2 जेसीओ, 2 अफसर, और 25 अन्य रैंक के जवान शहीद हो चुके थेl

 

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तोलोलिंग के बाद टाइगर हिल 

कर्नल बलवान सिंह ने कहा कि तोलोलिंग में जीत हासिल करने के बाद बाद भारतीय सेना को टाइगर हिल पर भी जीत हासिल करने का आदेश दिया गयाl इसके आगे कर्नल ने कहा, “टाइगर हिल लगभग 7500 फीट ऊंचा है और निर्जन पहाड़ होने की वजह से इस हिल का तापमान हमेशा माइनस में ही रहता है।”

 

सिर्फ दुश्मनों से नहीं, “मौसम से भी हुआ लड़ाई” 

कर्नल ने बताया, “जब टाइगर हिल पर लड़ाई शुरू हुई तो मौसम काफी ज्यादा खराब था और हमने एक बात सोच ली थी कि इस समय हमें केवल दुश्मन से ही नहीं बल्कि मौसम से भी युद्ध करना हैl”

 

ऐसे किया था दुश्मनों पर हमला, इतने जावन हुए थे टाइगर हिल पर शहीद?

कर्नल बलवान सिंह ने बताया कि टाइगर हिल पर जहां सेना के दुश्मन छुपकर बैठे हुए थे, उस जगह तक पहुंचने में सेना को पूरे 12 घंटे का समय लगा थाl सेना के जवान पहाड़ों से सम्बंधित उपकरणों का उपयोग करके टाइगर हिल के पीछे की तरफ से हिल पर चढ़े और हिल के टॉप पर पहुंचकर वहां एक फुट होल्ड बना दियाl इसके आगे कर्नल कहते हैं कि टाइगर हिल पर दुश्मनॉन के साथ हमारी हैंड टू हैंड लड़ाई हुई थी और इस लड़ाई में भारतीय सेना के 6 जवान घायल हुए थे जबकि 6 जवान शहीद हो गए थे।

 

युद्ध में लगी कर्नल बलवान सिंह को गोली 

कर्नल बलवान सिंह ने अपने बयान में आगे बताया कि लड़ाई में वो भी घायल हुए थेl उन्होंने कहा कि उनके पैर और हाथ में गोली लगी थीl इसी समय हमारी सेना के जवानों ने, पाकिस्तानी सेना के 25 जवानों को मौत के घाट उतार दिया जिसके बाद हमने बड़े ही गर्व के साथ कारगिल की चोटी पर अपने भारत देश का झंडा फहरा दियाl

 

भारतीय सेना का मकसद था बदला

कर्नल बलवान सिंह ने बताया कि कारगिल युद्ध जीतने के बाद हम लोग रेडियो पर बात-चीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि  तोलोलिंग में हुई लड़ाई से हम जवानों को जो सीख मिली, उसी सीख के आधार पर 26 july के दिन हम भारतीय सेना के जवानों ने टाइगर हिल पर अपने देश का झंडा फहराया थाl यह लड़ाई जीतने के लिए टाइगर हिल पर सेना का कब्जा करना बहुत आवश्यक थाl भारतीय सेना के जवानों को युद्ध में शहीद हुए देश के उन बहादुर सैनिकों की मौत का बदला चाहिए था।

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