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रविवार, फ़रवरी 23, 2025
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देवीधुरा बगवाल मेला 2024: पाषाण युद्ध का खौफनाक नज़ारा, 80 लोग हुए घायल

देवीधुरा बगवाल मेला 2024: पाषाण युद्ध का खौफनाक नज़ारा, 80 लोग हुए घायल

 

देवीधुरा बगवाल मेला: उत्तराखंड के चम्पावत जिले में हर साल देवीधुरा बगवाल मेला आयोजित किया जाता है, जो कि एक एतिहासिक मेला हैl देवीधुरा बगवाल मेला 2024 में लगभग 11 मिनट तक खौफनाक पाषाण युद्ध जारी रहाl युद्ध के दौरान चार दलों के योद्धाओं ने एक-दूसरे पर फल, ईंटे और पत्थर बरसाते हुए इस अनूठी परंपरा में हिस्सा लियाl पाषाण युद्ध में लगभग 80 रणबांकुरे और कुछ अन्य लोग घायल हुएl फिलहाल अस्पताल में सभी घायलों का इलाज किया जा रहा है।

 

हर वर्ष रक्षाबंधन के दिन होता है मेले का आयोजन 

उत्तराखंड राज्य के जिला चम्पावत के देवीधुरा में बगवाल मेले का आयोजन किया होता हैl यह मेला प्रत्येक वर्ष रक्षा बंधन के दिन  देवीधुरा के प्रसिद्ध मां वाराही मंदिर में आयोजित किया जाता है। देश-विदेश से हजारों की तादात में लोग इस एतिहासिक परंपरा में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं। इस बार यह एतिहासिक मेला सोमवार के दिन लगभग 2:05 बजे शंखनाद के साथ शुरू हुआ।
देवीधुरा बगवाल मेला 2024: पाषाण युद्ध का खौफनाक नज़ारा, 80 लोग हुए घायल
मेला शुरू होने से पहले गहरवाल खाम, लमगड़िया खाम, वालिक खाम और चमियाल खाम के सैकड़ों रणबाकुरों ने परंपरा के मुताबिक खोलीखांण दूर्वाचौड़ मैदान की ढोल नगाड़ों के साथ विधिपूर्वक परिक्रमा कीl दिन के समय लगभग 2:05 बजे तेज शंखनाद के साथ बगवाल मेला शुरू हो गया थाl यह बगवाल लगभग 11 मिनट तक चली और इसमें  लगभग 80 लोग घायल हो गएl घायल लोगों का नजदीकी अस्पताल में इलाज भी किया गया।
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युद्ध में बरसाए पत्थर और ईंट 

युद्ध की शुरुआत में चरों दलों के रणबाकुंरों ने एक-दूसरे के दलों पर फलों से वार किया। जिसके बाद देखते ही देखते  पाषाण युद्ध प्रारंभ हो गया था। पाषाण युद्ध के दौरान चारों खामों के रणबांकुरों ने मां वाराही के जयकारों के साथ एक-दूसरे पर ईंटे और पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। सोमवार के दिन 2:16 बजे मंदिर के पुजारी ने मैदान में पहुंच शंखनाद करते हुए चंवर झुलाया और बग्वाल के समापन की घोषणा कर दीl इस प्रकार बगवाल 2:05 पर शुरू होकर 2:16 पर समाप्त हो गयाl

 

एक मानव के रक्त के बराबर बहाते हैं खून 

उत्तराखंड के देवीधुरा का एतिहासिक और प्रसिद्ध बगवाल उत्तराखंड के लोगों की धार्मिक मान्यता का एक पवित्र प्रतीक है। युद्ध की मान्यता है कि एक वृद्धा के पौत्र का जीवन बचाने हेतु चारों खामों (दलों) की अलग-अलग जातियों के लोग एक-दुसरे के साथ युद्ध करके एक व्यक्ति के खून के बराबर पूरे मैदान में रक्त बहाते हैं।

सीएम धामी भी पहुंचे बगवाल 

उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी देवीधुरा के एतिहासिक बगवाल मेले में हिस्सा लेने के लिए सोमवार के दिन देवीधुरा गए हुए थे। सीएम धामी ने मेले में उपस्थित लोगों को रक्षा बंधन और बगवाल मेले की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। बगवाल मेले की कमेटी के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया।

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