27.7 C
Asia
रविवार, फ़रवरी 23, 2025
होमUttarakhandराजनीतिबिबेक देबरॉय के इस्तीफे के बाद संजीव सान्याल बनेंगे गोखले इंस्टीट्यूट के...

बिबेक देबरॉय के इस्तीफे के बाद संजीव सान्याल बनेंगे गोखले इंस्टीट्यूट के नए चांसलर 

बिबेक देबरॉय के इस्तीफे के बाद संजीव सान्याल बनेंगे गोखले इंस्टीट्यूट के नए चांसलर 

 

डॉ. बिबेक देबरॉय को जुलाई में पुणे के गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (जीआईपीई) का चांसलर नियुक्त किया गया था, परन्तु उन्होंने नियुक्ति के बाद सितंबर माह के आखरी सप्ताह में ही इस्तीफा दे दिया थाl जिसके बाद अब संजीव सान्याल को चांसलर के पद के लिए नियुक्त कर लिया गया हैl

 

संजीव सान्याल होंगे जीआईपीई के नए चांसलर 

संजीव सान्याल को पुणे में स्थिति गोखले इन्स्त्रितियुध ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (जीआईपीई) के नए चांसलर के रूप में नियुक्त कर लिया गया है। बता दें कि संजीव प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अर्थशास्त्री हैंl उनकी नियुक्ति जीआईपीई के पूर्व चांसलर बिबेक देबरॉय द्वारा सितम्बर में इस्तीफा दिए जाने के कुछ समय पश्च्नात ही की गई हैl  

 

बिबेक देबरॉय के इस्तीफे के बाद संजीव सान्याल बनेंगे गोखले इंस्टीट्यूट के नए चांसलर 

 

संजीव सान्याल ने एक्स पर की पोस्ट 

संजीव सान्याल ने अपनी नई भूमिका की घोषणा करते हुए सोह्सल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने कहा, “यह पोस्ट केवल यह सूचना देने के लिए की जा रही है कि मैंने गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (जीआईपीई), पुणे के चांसलर के पद को स्वीकार कर लिया है। मैं जीआईपीई द्वारा स्थापित की गई अमूल्य  विरासत को और आगे पहुंचाने के लिए कर्मचारियों, संकाय और प्याआर्रे छात्रों के साथ मिलकर कार्य करने को तत्पर हूंl” 

 

 

सम्बंधित खबरें:-

 

पोस्ट के माध्यम से दिया आश्वासन 

पोस्ट के मात्ध्यम से संजीव ने आश्वासन दिलाते हुए कहा, “जीआईपीई के चांसलर के रूप में मेरी नई नियुक्ति का प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के रूप में मेरे कर्तव्यों पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगाl शैक्षणिक प्रशासन की मूल संरचना से अनभिज्ञ रहने वाले कुछ लोग किसी भी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को एक सीमा तक “गैर-कार्यकारी अध्यक्ष” के सामान समझते हैं- जबकि, कर्तव्य हमेशा संस्था के दैनिक संचालन से नहीं बल्कि शासन और व्यापक दिशा से जुड़े होते हैं। मुझे सौंपी गई जीआईपीई के चांसलर की भूमिका प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में मेरे कार्य को बिलकुल भी प्रभावित नहीं करती है।”

 

GIPE के पूर्व चांसलर बिबेक देबरॉय ने क्यों दिया था इस्तीफा?

जानकारी के मुताबिक, डॉ. बिबेक देबरॉय को जुलाई में गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (GIPE) का चांसलर नियुक्त किया गया थाl जिसके बाद सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में ही उन्होंने अपने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया था।

जीआईपीई केअधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, “बिबेक देबरॉय ने सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी (SIS) के ट्रस्टियों को अपना इस्तीफा भेज दिया था। देबरॉय ने अपने इस्तीफे पत्र में संस्थान के पूर्व कुलपति डॉ. अजीत रानाडे की बर्खास्तगी को लेकर चल रहे विवाद से स्वयं को दूर रखने की इच्छा को इस्तीफा देने की वजह बताया थाl बता दें कि वर्तमान में डॉ. अजीत रानाडे की बर्खास्तगी का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहा हैl”

सम्बंधित ख़बरें

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments