पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या केस की जांच CBI द्वारा की जा रही हैl कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर मामले को लेकर टीएमसी और राज्य सरकार डिफेंडिंग मोड में आ चुकी हैl दोनों ही पार्टियों के बीच इस मामले को लेकर टकराव चल रहा हैl इसी दौरान की पश्चिम बंगाल की चाइल्ड राइट कमीशन की सलाहाकार अनन्या चक्रवर्ती ने मामले की जांच कर रही CBI पर गंभीर सवाल उठाया हैl
अनन्या चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्होंने वहां जाकर रेप नहीं किया हैl अनन्या चक्रवर्ती ने प्रेस कॉफ्रेंस जारी करते हुए कहा, “कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर के खौफनाक मामले के कारण हम भी काफी जयादा दुखी हैंl
आरजी कर में हुए रेप-मर्डर के मामले के नाम पर एक शव को लेकर राजनीति की जा रही हैl ऊपर से विपक्ष पार्टी मुख्यमंत्री से इस्तीफ़ा चाहती है क्योंकि अक्सर महिलाओं पर दबाव बनाना काफी आसान होता हैl लेकिन जब कोई पुरुष मुख्यमंत्री होता है और राज्य में इस तरह की कोई घटना होती है, तब उनसे कोई इस्तीफ़ा नहीं मांगता हैl
पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने में देरी नहीं
चाइल्ड राइट कमीशन की सलाहाकार अनन्या चक्रवर्ती ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के सम्बन्ध में कोलकाता की पुलिस ने FIR दर्ज करने में कोई भी देरी नहीं की हैl इसके साथ-साथ पिछले दो सालों में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का तीन बार ट्रांसफ़र हो चुका हैl परन्तु आरजी कर अस्पताल के छात्रों ने ही पूर्व प्रिंसिपल को वापस बुलाने के लिए बार-बार मांग कीl जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने मजबूरन संदीप घोष को वापस आरजी कर अस्पताल भेज दियाl
अनन्या चक्रवर्ती- CBI द्वारा जांच में देरी क्यों?
अनन्या चक्रवर्ती ने प्रेस कॉफ्रेंस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पक्ष लेते हुए कहा, “जब सीएम ममता बनर्जी इस मामले के चलते सड़कों पर आई तब उनके हाथ कुछ भी नहीं थाl उस समय तक यह केस सीबीआई को दिया चुका थाl इस समय ममता बनर्जी पर क्या आरोप लगाए जा रहे हैं? मुख्यमंत्री ने खुद वहां जाकर तो रेप नहीं किया थाl फिर क्यों उनपर आरोप लगाए जा रहे हैं?”
उन्होंने आगे कहा, “जब यह केस सीबीआई के पास नहीं था तब ममता बनर्जी की पुलिस ने ही मामले का पहला आरोपी गिरफ्तार किया थाl उसके बाद जब केस सीबीआई के पास गया तो सीबीआई ने दूसरी गिरफ्तारी क्यों नहीं की? मेरा कहना तो यही है कि प्रदर्शनकारियों को सीबीआई के दफ़्तर के बहार ही धरने पर बैठ जाना चाहिएl सीबीआई से ये सवाल पूछना चाहिए कि आखिर केस की जांच करने में इतनी देर क्यों हो रही है?”