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उत्तराखंड यूसीसी लागू 2024: आखिर क्या है UCC और क्या होंगे प्रमुख बदलाव?

उत्तराखंड यूसीसी लागू 2024: आखिर क्या है UCC और क्या होंगे प्रमुख बदलाव?

 

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून राज्य विधानसभा में यूसीसी उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश किया। यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में शादी और तलाक से लेकर “लीव इन रिलेशनशिप” तक कई नियमों में बदलाव होने वाले हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूसीसी क्या है?

 

यूसीसी क्या है?

यूसीसी का पूरा नाम “समान नागरिक संहिता” है। इसका सामान्य अर्थ है भारत के निवासी हर नागरिक के लिए एक समान कानून का होना, चाहे वह नागरिक किसी भी जाति या धर्म से संबंध रखता हो। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद सभी धर्मों और सभी जाति के लोगो का एक समान कानून होगा।

यूसीसी (समान नागरिक संहिता) के अंतर्गत शादी, तलाक, जमीन-जायदाद के बंटवारे में और गोद लेने तक सभी धर्मों और जाति के लिए एक जैसा कानून लागू किया जाएगा।

यूसीसी का मुद्दा पिछले कुछ दशकों से राजनीतिक बहस का हिस्सा रहा है, जिस पर केंद्र में ज्यादा जोर दिया जाता है। बीजेपी पार्टी पहली ऐसी पार्टी थी, जिसने सत्ता में आने के बाद UCC लागू करने का वादा करने किया। बीजेपी का यूसीसी का मुद्दा 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र का भी हिस्सा रहा था।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया यूसीसी विधेयक पेश

आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड राज्य बहुत जल्द यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू करने वाला राज्य बन सकता है। सूचना के अनुसार उत्तराखंड कैबिनेट से 4 फरवरी को यूसीसी विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को यूसीसी को विधानसभा में पेश किया गया है। यदि राज्यपाल से यूसीसी विधेयक को मंजूरी मिल जाति है तो यह विधेयक कानून बन जाएगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार के दिन राज्य विधानसभा में यूसीसी (समान नागरिक संहिता) उत्तराखंड 2024 विधेयक को पेश किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक को राज्य विधानसभा में पेश करने के बाद वहां मौजूद विधायकों ने वंदे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए।

 

उत्तराखंड यूसीसी लागू 2024: आखिर क्या है UCC और क्या होंगे प्रमुख बदलाव?

 

यूसीसी के कारण उत्तराखंड में आने वाले हैं ये बदलाव

  1. बहुविवाह रोक
  2. शादी के लिए कानूनी उम्र 21 साल
  3. रजिस्ट्रेशन के बिना, लिव इन रिलेशन में रहने पर प्रतिबंध
  4. विवाह के लिए पंजीकरण कराना होगा जरूरी
  5. उत्तराधिकार की प्रक्रिया सरल कर दी जाएगी
  6. पत्नी पर होगी बुजुर्ग मां-बाप के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी
  7. बदलेंगे गोद लेने के नियम
  8. यूसीसी में तलाक लेने की प्रक्रिया होगी अलग

1.बहुविवाह रोक
बहुविवाह यानी एक से अधिक विवाह करना। कुछ धर्मों में बहुविवाह करने की इजाजत है। जबकि हिंदू, ईसाई और पारसी के लिए दूसरा विवाह अपराध है। इसी वजह से कुछ लोग दूसरी शादी करने के लिए अपना धर्म बदल देते हैं। यूसीसी के लागू होने के बाद बहुविवाह पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी जाएगी।

2.शादी के लिए कानूनी उम्र 21 साल
यूसीसी लागू होने के बाद युवतियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष तय कर दी जाएगी।

3.रजिस्ट्रेशन के बिना, लिव इन रिलेशन में रहने पर प्रतिबंध
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवक और युवती के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों का वेब पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना बेहद जरूरी होगा। यदि कोई रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है तो उसे 6 माह की जेल और 25 हजार का दंड भुगतान या फिर दोनों हो सकते हैं।

4.विवाह के लिए पंजीकरण कराना होगा जरूरी
राज्य में यूसीसी का कानून लागू होने के बाद विवाह के लिए पंजीकरण कराना जरूरी होगा।

5.उत्तराधिकार की प्रक्रिया सरल कर दी जाएगी
उत्तराधिकारी की प्रक्रिया में कई सारे कानून बने हुए हैं। किसी में दान नामा या फिर मौखिक वसीयत को मान्यता दी गई है। उत्तराधिकार की प्रक्रिया का मामला मानवाधिकार का मामला है। एक कानून में तो उत्तराधिकार की व्यवस्था को बहुत जटिल रूप दिया गया है। इसके अलावा पिता की संपत्ति में पुत्र और पुत्रियों के बीच में बहुत ज्यादा भेद-भाव किया जाता है। यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराधिकार की प्रक्रिया बहुत सरल हो जायेगी।

6.पत्नी पर होगी बुजुर्ग मां-बाप के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी
राज्य में यूसीसी का कानून लागू होने के बाद सरकारी नौकरी में कार्यरत युवक की मृत्यु होने के बाद उसके बुजुर्ग मां-बाप के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी युवक की पत्नी पर होगी और इसके लिए सरकार की तरफ से उसके परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा। अगर पति की मृत्यु के बाद पत्नी दूसरी शादी करती है तो मुआवजा मां-बाप के साथ बांटा जाएगा।

7.बदलेंगे गोद लेने के नियम
उत्तराखंड राज्य में कानून लागू होने के बाद राज्य की मुस्लिम महिलाएं भी बच्चे गोद ले सकेंगी। इसके अलावा गोद लेने की प्रक्रिया भी आसान कर दी जाएगी। इसके अलावा अनाथ बच्चों के लिए सुरक्षा की प्रक्रिया भी सरल कर दी जाएगी।

8.यूसीसी में तलाक लेने की प्रक्रिया होगी अलग
यूसीसी के अंतर्गत पति और पत्नी दोनों को ही तलाक के एक समान आधार प्राप्त होंगे। तलाक के लिए जो ग्राउंड पति पर लागू होगा, वही पत्नी पर भी लागू होगा।

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