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सोमवार, फ़रवरी 24, 2025
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भारत एआई मिशन: 10,372 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ वैश्विक एआई नेता बनने की दिशा में

भारत एआई मिशन: 10,372 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ वैश्विक एआई नेता बनने की दिशा में

 

भारत एआई मिशन: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लगभग 10 हजार करोड़ के खर्चे वाले भारत के मिशन एआई को स्वीकृति दे दी हैl इसमें कोई संदेह नहीं है कि एआई के क्षेत्र में कार्य करने के लिए इच्छुक युवाओं हेतु मिशन एआई एक बहुत बड़ा सहारा बनने वाला हैl ओला के सीईओ और संस्थापक भाविश अग्रवाल का कहना है कि जिस तरह चीन विनिर्माण क्षेत्र में वैश्विक नेता बना है, उसी तरह भारत भी एआई के फील्ड में वैश्विक नेता बन जाएगाl

 

भारत एआई मिशन: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मिशन भारत को मंजूरी 

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत के एआई मिशन को 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ स्वीकृति दी गई हैl 10,372 करोड़ रुपये की राशि में से 2,000 करोड़ रुपये का उपयोग स्वदेशी एआई पर आधारित समाधान विकसित करने हेतु भारत के स्टार्टअप के पारिस्थितिकी तंत्र के समर्थन के लिए किया जाएगा। हल ही में सामने आने वाली आईडीसी रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया में 2027 तक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और जेनएआई (जेनरेटिव एआई) पर व्यय 33.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर पर $6 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान बताया गया हैl

 

भारत के एआई मिशन लॉन्च करने की वजह 

टेक्नोलॉजी और मार्केट के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में एआई के बढ़ते हुए सामर्थ्‍य और हस्तक्षेप को देखते हुए इंडिया के एआई मिशन की सफलता और उद्देश्‍यों के सम्बन्ध में शायद ही कोई असहमति होगी। एआई की दुनिया में लगभग हर दिन एक से बढ़कर एक चमत्‍कार होते देखने को मिल रहे हैंl ये चमत्कार हमें आनंदित करने के साथ-साथ आतंकित भी कर रहे हैंl

इंडिया एआई मिशन का उद्देश्य इसी आनंद और आतंक के बीच संतुलन स्थापित करना हैl तभी इंडिया उन लक्ष्‍यों को प्राप्त कर पाएगा, जिन्‍हें ध्‍यान में रखकर भारत ने यह मिशन लॉन्‍च किया है।

 

भारत एआई मिशन: 10,372 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ वैश्विक एआई नेता बनने की दिशा में

 

एआई के क्षेत्र में चीन से टक्कर लेगा भारत- भाविश अग्रवाल 

रविवार के दिन ओला के सीईओ और संस्थापक भाविश अग्रवाल ने कहा कि इंडिया में जिस तरह का हुनर है, उसकी वजह से आने वाले समय में भारत एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में वैश्विक नेता बन जाएगाl जिस प्रकार चीन विनिर्माण क्षेत्र में वैश्विक नेता बना है, उसी प्रकार भारत भी एआई के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनेगाl

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की गई एक पोस्ट में भाविश अग्रवाल ने लिखा कि यह “अपने आप नहीं हो सकता जब तक कि हम इसे नहीं बनायेंगे”। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ ने कहा, “दुनिया में सबसे अधिक डेवलपर्स भारत में हैं। इंडिया के पास विश्व में सबसे ज्यादा सिलिकॉन डिजाइनर, सबसे अधिक डेटा और सबसे बड़ी आईटी सेवा उद्योग भी उपलब्ध हैl”

 

भारत एआई मिशन:  2023 में की थी प्रधानमंत्री ने मेकिंग एआई इन इंडिया की बात

एक समय था, जब अमेरिका सहित यूरोप के बहुत से देश एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की लगातार बढ़ते हुए प्रभाव से बहुत चिंतित थे, जिसकी वजह से वो एआई को सीमित करने के उपाय खोज रहे थे। परन्तु, इंडिया की सोच इन सभी देशों के बिलकुल विपरीत थी। भारत की इसी सोच को प्रधानमंत्री ने दिसंबर 2023 के समय में दिल्‍ली में आयोजित ग्‍लोबल एआई समिट में भी प्रदर्शित कियाl ग्‍लोबल एआई समिट में प्रधानमंत्री ने मेकिंग एआई इन इंडिया की बात को सभी के सामने प्रस्तुत कियाl

इस बात में कोई शक नहीं है कि विश्व के दूसरे क्षेत्रों की तुलना में भारत में एआई की दिशा में बहुत तीव्र गति से कार्य  हुआ हैl भारत में केवल दस ही महीनों के अन्तर्गत न सिर्फ मिशन को बल्कि इस मिशन के खर्च बजट को कैबिनेट की  स्वीकृति मिली हैl इसके अलावा हाथों-हाथ मिशन एआई के रोडमैप को भी घोषित कर दिया गया है।

 

भारत एआई मिशन:  भारत में सर्वाधिक तेजी से सीखे जा रहे हैं एआई से सम्बंधित स्किल्स 

अभी कुछ समय पहले लिंक्‍डइन की ‘फ्यूचर ऑफ वर्क: स्टेट ऑफ वर्क @ एआई’ के टॉपिक वाली एक रिपोर्ट में लिखा  गया है, “इंडिया विश्व के उन पांच देशों में से एक है, जिनमें एआई से संबंधित स्किल्स सर्वाधिक तेजी से सीखी जा रही हैंl

रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ सालों में लिंक्‍डइन पर अपने प्रोफेशनल प्रोफाइल में एआई को अपनी स्किल में एड करने वाले वर्कर्स की संख्‍या चौदह गुना बढ़ चुकी है।

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