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रविवार, फ़रवरी 23, 2025
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भारत में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून क्या हैं? कब से लागू हुए ये तीन नए अपराधिक कानून? तीन नए अपराधिक कानूनों में क्या खास बात है?  

भारत में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून क्या हैं? कब से लागू हुए ये तीन नए अपराधिक कानून? तीन नए अपराधिक कानूनों में क्या खास बात है?  

भारत में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून

भारत में आज से नए अपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैंl ब्रिटिशकाल में भारत में तीन अपराधिक कानून थे- IPC (भारतीय दण्ड संहिता), CrPC (अपराधिक प्रक्रिया संहिता), इंडियन एविडेंस एक्टl आज से भारत में लागू किये गए नए अपराधिक कानून सम्पूर्ण देश के लिए लागू किये गए हैंl ये तीन नए अपराधिक कानून कुछ इस प्रकार हैं-

  • BNS (भारतीय न्याय संहिता)
  • BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता)
  • BSA (भारतीय साक्ष्य अधिनियम)
इस दिन से लागू हुए ये तीन नए अपराधिक कानून

भारत में लागू किये गए ये तीन अपराधिक कानून ब्रिटिश काल के अपराधिक कानूनों का स्थान ले लेंगेl छह अपराधों में भारत सरकार द्वारा सजा के तौर पर कम्युनिटी सेवा का प्रावधान किया गया हैl भारत में ये तीन नए अपराधिक कानून आज रात 12 बजे से लागू किये गए हैंl

पिछले 51 साल से भारत में चले आ रहे ब्रिटिशकाल के CrPC (अपराधिक प्रक्रिया संहिता) का स्थान BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) ले लेगी, IPC (भारतीय दण्ड संहिता) की जगह BNS (भारतीय न्याय संहिता) लेगा जबकि इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह BSA (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) लेगाl इन तीन नए अपराधिक कानूनों के तहत महिलाओं से जुड़े हुए अपराधों में पूर्व से अधिक सजा दी जाएगीl इसके आलावा तीन नए अपराधिक कानूनों के तहत इलेक्ट्रॉनिक सूचना से FIR दर्ज और कम्युनिटी सेवा जैसे कानून भी लागू किये जायेंगेl

तीन नए अपराधिक कानूनों में क्या खास बात है?  
  1. भारत में जितने भी केस या मामले 1 जुलाई से पहले दर्ज हुए हैं उन पर इन तीन नए अपराधिक कानूनों को लागू नहीं किया जाएगाl इसका मतलब यह है कि 1 जुलाई से पहले दर्ज हुए केसों की जांच लेकर ट्रायल तक सब कुछ पुराने कानून पर ही आधारित होगाl
  2. 1 जुलाई से तीन नए अपराधिक कानूनों के तहत ही केस की FIR दर्ज होगी और इन नए कानूनों के अनुसार ही मामले की जांच की जाएगीl
  3. BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) के अंतर्गत कुल 531 धाराएँ आती हैंl इससे पहले BNSS की जगह पर CrPC (अपराधिक प्रक्रिया संहिता) थी, जिसमें कुल 484 धाराएँ थींl BNSS की 14 धाराओं को हटा दिया गया है जबकि इसके 177 प्रावधानों में संशोधन हुआ हैl इसके आलावा BNSS में 9 नई धाराओं और 39 उप-धाराओं को जोड़ा गया हैl
  4. BNS (भारतीय न्याय संहिता) में कुल 357 धाराएँ हैं जबकि इससे पहले BNS की जगह पर मौजूद IPC (भारतीय दण्ड संहिता) में कुल 511 धाराएँ थींl
  5. इसी प्रकार पहले BSA (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) की जगह पर मौजूद इंडियन एविडेंस एक्ट में कुल 167 धाराएँ थीं परन्तु वर्तमान में BSA में कुल 170 धाराएँ हैंl नए अपराधिक कानून बनाते समय BSA की 6 धाराओं को हटाया गया है और 2 नई धाराओं और 6 उप-धाराओं को जोड़ा गया हैl
  6. तीन नए अपराधिक कानूनों के तहत ऑडियो-वीडियो यानी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर जोर दिया गया हैl
  7. इन तीन नए अपराधिक कानूनों के तहत भारत का कोई भी नागरिक अपराध के सम्बन्ध में जीरो FIR दर्ज करवा सकता हैl मामले की जांच के लिए FIR को सम्बंधित थाने में भेजा जाएगाl जांच के दौरान यदि FIR को किसी ऐसे अपराध से सम्बंधित पाया गया जिसमें 3 से 7 साल तक सजा का प्रावधान हो तो फोरेंसिक टीम से केस के साक्ष्यों की जांच करवानी होगीl
  8. इसके आलावा इन तीन नए अपराधिक कानूनों के तहत भारत के नागरिक ई-सूचना से भी FIR दर्ज करवा सकेंगे और वॉईस रिकॉर्डिंग से भी पुलिस को घटनाओं या किसी केस की जानकारी दे सकेगीl

 

 

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