क्या है मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज पर दरारें आने का कारण?ब्रिज पर क्यों हो रही है जांच? सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज पर दरारें और जांच
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज (एमटीएचएल) के नाम से जाना जाने वाला अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु आज-कल काफी चर्चा में है। दरअसल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज के तारकोल से बने हुए निकास मार्ग पर दरारें आने लगी हैं, जिसके कारण इसे जांच का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज भारत का सबसे लंबा समुंद्री पुल है,जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच महीने पहले ही किया गया था।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज की बनावट
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज को लगभग 17,840 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया गया है। इस ब्रिज का उद्घाटन इस वर्ष यानी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस पुल का निर्माण भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में किया गया था। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना है जिसे डिज़ाइन करने का उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ाना और यात्रा को कम करना है।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज पर दरारों को लेकर सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
पुल पर दरार आने के कारण विपक्ष पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अटल सेतु को जोड़ने वाली अप्रोच रोड पर मामूली दरारें ही पड़ी हैं और जो फुटपाथ इससे प्रभावित हुए हैं, वो मुख्य पुल का हिस्सा नहीं हैं।
ब्रिज पर दरारों को लेकर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कही ये बात
कांग्रेस के प्रमुख नेता नाना पटोले ने शुक्रवार के दिन दरारों का निरीक्षण करने हेतु अटल सेतु ब्रिज का दौरा किया गया।नाना पटोले का कहना है, “मैं सभी को यह दिखाने के लिए यहां आया हूं कि कांग्रेस जो कह रही है वह सिर्फ एक आरोप नहीं है। वर्तमान सरकार द्वारा लोगों के लिए काम करने का केवल दिखावा किया जा रहा है। लेकिन आप लोग यहां सरकार द्वारा किया गया भ्रष्टाचार देख सकते हैं। वो लोग सिर्फ अपनी जेब भर रहे हैं, लेकिन उन्हें इस तरह से भ्रष्टाचार कर लोगों की जाने खतरे में डालने का कोई अधिकार नहीं है। सभी लोगों को मिलकर इस भ्रष्ट सरकार को हटाने की योजना बनानी चाहिए।
नाना पटोले ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “हम मानते हैं कि इस पुल का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है, जो की प्रधानमंत्री मोदी का एक बहुत अच्छा निर्णय था। अटल बिहारी वाजपेयी का हर कोई सम्मान भी करता है, लेकिन हम सबके लिए ये बड़ी ही दुर्भागकी बात है की उनके नाम वाले पुल के संबंध में भी भ्रष्टाचार हो रहा है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर ध्यान देने का आग्रह किया है।
एमएमआरडीए ने किया मामला स्पष्ट, ब्रिज का मरम्मत कार्य तुरंत शुरू
पुल के निर्माण के लिए मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) जिम्मेदार है, जिसने यह स्पष्ट कर दिया है कि अटल सेतु मुख्य भाग में कोई भी दरार नहीं है।
महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने कहा “अटल सेतु को जोड़ने वाली एप्रोच रोड पर केवल चोटी-चोटी दरारें ही पड़ी हैं। जो फुटपाथ इन दरों से प्रभावित हुआ है वो पुल का मुख्य हिस्सा भी नहीं है बल्कि पुल को जोड़ने वाला एक सर्विस रोड है। यह दरारें पुल की संरचना के कोई घर पैदा नहीं करती हैं।”
अटल सेतु पर दरारों को लेकर उठ रहे राजनीतिक विवादों के दौरान ही पुल का मरम्मत कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है।